दरिया (dariya)

Sunday, January 09, 2005

 

जय रघुनन्दन जय सियाराम

ईश्वर के स्मरण के साथ मेरे हिन्दी ब्लौग का आरम्भ हो | वो बात और है ये कि विदेशी मुल्क में पड़े भूमण्डलीकरण के लाभ लेते हुवे हो रहा है | अपने मुल्क में अधिकतर "कुशाग्र" भारतीय जो अमेरिकी कम्पनियों के लिये "सौफ्टवेयर" लिख रहे होंगे, मेरे जैसे मूर्ख के "प्योर" हिन्दी में रचित, और कम्प्यूटर युगे राम का नाम लेने वाले ब्लौग को देख कर हँसेंगे|

दुर्भाग्य से मैं उन्हें शाहरुख करीना सरीखे नकली भारतीयों सा बनने देने से रोक नहीं सकता | जहाँ से मैं देखता हूँ, मुझे वो ही हास्यास्पद लगते हैं | बस मलाल इतना है कि शाहरुख खान या किसी और बौलिवुडिया कौपीकैट पर मुल्क की हसीनाओं के मरने को मैं रोक नहीं सकता | पर ज्यादा फर्क भी नहीं पड़ता|

जय राम जी की !

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